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‘ईरान के परमाणु ठिकाने बर्बाद हुए हैं’, अराघची के बयान पर ट्रंप का पलटवार, दिखाए कड़े तेवर

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Posted On:Tuesday, July 22, 2025

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहराता दिखाई दे रहा है। हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के उस बयान ने हलचल मचा दी, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि अमेरिकी बमबारी से ईरान के परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस बयान पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न सिर्फ तीखी प्रतिक्रिया दी है, बल्कि कई अमेरिकी मीडिया हाउस को भी आड़े हाथों लिया है। ट्रंप का यह पलटवार उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर सामने आया है।


ईरान के विदेश मंत्री अराघची का बयान

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पहली बार यह माना कि अमेरिका और इजरायल के संयुक्त हमले में उनके परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। अराघची के इस बयान ने साफ कर दिया कि ईरान पीछे हटने के मूड में नहीं है, भले ही उसे कितना भी नुकसान क्यों न उठाना पड़े।


ट्रंप का तीखा पलटवार

इस बयान के जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट करते हुए लिखा:

“ईरान के परमाणु ठिकाने अमेरिका की बमबारी में पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। अगर ईरान फिर से परमाणु संयंत्र शुरू करता है या बम बनाने की कोशिश करता है, तो हम दोबारा हमला करेंगे – और इस बार पहले से भी ज्यादा सख्ती से।”

ट्रंप का यह बयान साफ संकेत देता है कि अमेरिका अब किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने अपने पुराने बयानों को दोहराते हुए कहा कि ईरान को चेतावनी दी जा चुकी है, और अब कोई समझौता नहीं होगा।


मीडिया हाउस को फटकार

डोनाल्ड ट्रंप ने सिर्फ ईरान को नहीं, बल्कि अमेरिकी मीडिया को भी अपने निशाने पर लिया। खासतौर पर CNN और MSNBC (जिसे ट्रंप 'CNC-MSDNC' कहकर तंज कसते हैं) को उन्होंने “फेक न्यूज नेटवर्क” कहा। उन्होंने कहा:

“CNN को अपने झूठे रिपोर्टर को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। वे झूठ फैला रहे हैं कि ईरान पर अमेरिकी हमले बेअसर थे। उन बहादुर पायलटों से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने देश के लिए जान जोखिम में डालकर ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट किया।”

ट्रंप ने दावा किया कि CNN और कुछ अन्य मीडिया हाउस की गिरती TRP इस बात का सबूत है कि लोग अब उनकी बातों पर विश्वास नहीं करते।


पृष्ठभूमि: अमेरिका-ईरान संघर्ष

इस विवाद की जड़ें जून 2025 की उस घटना से जुड़ी हैं जब इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इसका कारण था ईरान की ओर से परमाणु हथियारों के निर्माण की बढ़ती आशंका। इजरायल के इस हमले का अमेरिका ने समर्थन किया, और बाद में खुद भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की।

इन हमलों में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो गए। ईरान ने जवाबी हमलों में इजरायली और अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। करीब 12 दिनों तक यह टकराव चला, जिसमें दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ा। अमेरिका की ओर से बाद में कतर की मध्यस्थता में सीजफायर कराया गया।


ट्रंप की चेतावनी

राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने दोबारा परमाणु कार्यक्रम शुरू किया तो अमेरिका जवाब देने में देरी नहीं करेगा। उन्होंने कहा:

"हमने पहले भी ईरान की सैन्य ताकत को कमजोर किया है, और अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर ऐसा करेंगे – इस बार और अधिक गंभीर परिणामों के साथ।"


निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने साफ कर दिया है कि अमेरिका अब ईरान के खिलाफ नरमी नहीं बरतेगा। अराघची के बयान को जहां कुछ लोग ईमानदारी मान रहे हैं, वहीं ट्रंप इसे अमेरिका की जीत बता रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मीडिया को सच दिखाना चाहिए, न कि झूठा एजेंडा चलाना।

अमेरिका-ईरान के बीच यह संघर्ष फिलहाल थमा हुआ है, लेकिन अगर ईरान ने परमाणु कार्यक्रम में दोबारा तेजी दिखाई, तो यह आग फिर से भड़क सकती है। अब देखना यह होगा कि ईरान अपने स्टैंड पर कायम रहता है या अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकता है।


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